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क्या सही क्या गलत- 1 - (पथ संचलन)
पिछले दिनों 'स्वसासन्' (स्वप्न साकार सन्घ) पर
पिछले दिनों 'स्वसासन्' (स्वप्न साकार सन्घ) पर
एक श्रंखला प्रारंभ की गई है
इसके पहले भाग में
यातायात जागरूकता हेतु 'सड़क सुरक्षा सप्ताह',
11 से 20 जनवरी, पर
हम चर्चा करने जा रहे हैं
यातायात जागरूकता हेतु 'सड़क सुरक्षा सप्ताह',
11 से 20 जनवरी, पर
हम चर्चा करने जा रहे हैं
सड़क पर परंपरागत पैदल चलने के ढंग में सुधार पर
विगत 2015 के ही वर्ष में केवल भोपाल में ही
279 पैदल चलने वालों / वाहन सवारों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई है.
विचार योग्य है..... आइये देखते हैं!
हमारे देश में बायें हाथ की ओर यातायात की व्यवस्था है
किंतु पैदल यात्री को सड़क के दोनों ओर से
दोनों दिशाओं की ओर फुटपाथ पर चलने की सुविधा स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है.
फुटपाथ हों तो पैदल चलने के लिये केवल फुटपाथ का ही उपयोग किया जाना चाहिये
किन्तु जहाँ फुटपाथ उपलब्ध नहीं हैं
और जब हम प्रातः/ सायंकालीन भ्रमण पर हों
तब हमारा सड़क के दायीं ओर (पैदल) चलना ही
सर्वथा उचित, उपयोगी एवं सुरक्षित है!
आप सड़क के दायीं ओर से पैदल
चल रहे हों तो सामने की ओर से आते हुए वाहन
आपको सहज ही दिखाई देते रहते हैं
जबकि आपके पीछे की ओर से आने वाले वाहन
जिनसे आपकी जान को सबसे अधिक खतरा होता है
वे सड़क के दूसरी ओर होने से आपका उनसे बचाव
स्वमेव ही हो जाता है!
क्योंकि वाहन सवार के पूरी तरह राँग साइड (सड़क के दायीं ओर) चलकर
आपको पीछे से टक्कर मारने की संभावना न्यूनतम है!
जबकि अधिकांश नागरिक
(केवल वाहन चालन हेतु लागू)
बायीं ओर चलने के यातायात संबंधी नियम
के पैदल चलते समय भी असंगत अनुपालन के कारण
पीछे की ओर से आते वाहनों की
टक्कर के खतरे से केवल आवाज के आधार पर बचाव कर पाते हैं
किंतु अब ध्वनि रहित वाहनों का चलन बढ़ते जा रहा है
अतः संज्ञान रख शारीरिक हानि से स्वयं को अधिक सुरक्षित करें !
आज से ही पैदल चालन सड़क के दायीं ओर से प्रारंभ कर
अपनी सुरक्षा बढ़ायें!
यातायात विभाग से भी इस संबंध में विस्तृत विज्ञप्तियां अपेक्षित हैं
ताकि सड़क सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय सुधार प्राप्त किये जा सकें!
#सत्यार्चन
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
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