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बुधवार, 20 जनवरी 2016

भारतीय अंग्रेज प्रशासन जारी है... 100 साल बाद भी

स्वागत् है आपका SwaSaSan पर... एवम् ...

जारी है ... 100 साल बाद भी
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मैं 'नरेन्द्र'  की आत्मा
 आज यहाँ से, स्वर्ग से, पूर्ण पूर्वाग्रह रहित होकर देख पा रहा हूँ ...
भारत! जो मेरा भारत हुआ करता था 
आज भी लगभग वहीं है ...
जहाँ मैंने छोड़ा था!!!
आज भी मेरे भारत वंशी वैसे ही भोले, सरल और सहज हैं
जैसे  आज से 100 साल पहले थे!
100 साल पहले जब मुझे 'विश्व धर्म संसद' में
भारत का प्रतिनिधित्व करने का
 ऐतिहासिक अवसर मिलना शेष था....
 तब मेरे 'भारत' के लिए
अंग्रेज ही 'साहब' हुआ करते थे।
अंग्रेजों की अंग्रेजी में बारंबार दी जाने वाली गालियों
(निकृष्ट, गँवार और दो-दो पैसे में बिकने वाला) को
भारत ना केवल अंगीकार कर चुका था, बल्कि नियति भी मान चुका था।
उनके लिए केवल अँग्रेज़ और अंग्रेजी जानने / बोलने वाले ही

मंगलवार, 12 जनवरी 2016

क्या सही क्या गलत- 1 - पथ संचलन

स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
क्या सही क्या गलत- 1 - (पथ संचलन)
पिछले दिनों 'स्वसासन्' (स्वप्न साकार सन्घ) पर
एक श्रंखला प्रारंभ की गई है
इसके पहले भाग में
यातायात जागरूकता हेतु 'सड़क सुरक्षा सप्ताह',
11 से 20 जनवरी, पर
हम चर्चा करने जा रहे हैं
सड़क पर परंपरागत पैदल चलने के ढंग में सुधार पर
विगत 2015 के ही वर्ष में केवल भोपाल में ही
279 पैदल चलने वालों / वाहन सवारों की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हुई है.
विचार योग्य है..... आइये देखते हैं!
हमारे  देश में बायें हाथ की ओर यातायात की व्यवस्था है
किंतु पैदल यात्री को सड़क के दोनों ओर से
दोनों दिशाओं की ओर फुटपाथ पर चलने की सुविधा स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है.
फुटपाथ हों तो पैदल चलने के लिये केवल फुटपाथ का ही उपयोग किया जाना चाहिये
किन्तु जहाँ फुटपाथ उपलब्ध नहीं हैं
और जब हम प्रातः/ सायंकालीन भ्रमण पर हों
तब हमारा सड़क के दायीं ओर (पैदल) चलना ही
सर्वथा उचित, उपयोगी एवं सुरक्षित है!
फुटपाथ रहित सड़क पर चूंकि वाहन यातायात बायीं ओर होता है

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