.....................................................................................................................................................................
swasasan team always welcomes your feedback. please do.
.....................................................................................................................................................................
swasasan team always welcomes your feedback. please do.
.....................................................................................................................................................................
भुला बैठा तेरी सूरत
..............................................................
बड़ा रोमांचक क्षण था जब ३० बर्षों के लम्बे अंतराल के बाद एक बार फिर उससे सामना हो रहा था .
मेरे पास कोई प्रश्न नहीं था .
बस उसकी खुशहाली जानना थी -उसे देखना था .
सो उसकी कोठी के मेन गेट को देखकर ही उसके वैभव का अंदाज हो गया था .
बची खुची कसर ड्राइंग रूम की साजसज्जा देख पूरी हो गई थी .
हलाकि वो खुद एक प्रोफेशनल अर्चिटेक्ट थी सो थोड़ी बहुत सम्पन्नता तो संभावित थी ही ,
किन्तु उसे इतना संपन्न पाकर में ख़ुशी से ज्यादह शर्मिंदगी महसूस कर रहा था .
मेरा उसका कोई मेल ना तो ३० साल पहले था ना आज.
हंसी आ रही थी अपने एकतरफा प्रेम पर
बड़ा रोमांचक क्षण था जब ३० बर्षों के लम्बे अंतराल के बाद एक बार फिर उससे सामना हो रहा था .
मेरे पास कोई प्रश्न नहीं था .
बस उसकी खुशहाली जानना थी -उसे देखना था .
सो उसकी कोठी के मेन गेट को देखकर ही उसके वैभव का अंदाज हो गया था .
बची खुची कसर ड्राइंग रूम की साजसज्जा देख पूरी हो गई थी .
हलाकि वो खुद एक प्रोफेशनल अर्चिटेक्ट थी सो थोड़ी बहुत सम्पन्नता तो संभावित थी ही ,
किन्तु उसे इतना संपन्न पाकर में ख़ुशी से ज्यादह शर्मिंदगी महसूस कर रहा था .
मेरा उसका कोई मेल ना तो ३० साल पहले था ना आज.
हंसी आ रही थी अपने एकतरफा प्रेम पर