स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् अपेक्षित हैं समालोचना/आलोचना के चन्द शब्द...
.
मेरी आज की मुफलिसी
को दिल्लगी ना बना
कल वक़्त की दिल्लगी कहीं
तेरी मुफलिसी ना हो.…
तेरी मुफलिसी ना हो.…
आज फर्श पे मैं हूँ
तो तू भी तो है यहीं !
.
तो तू भी तो है यहीं !
.
जब फ़र्श के नीचे पहुचुँगा
शुमार अर्श पे किया जाऊँगा
चाहेगा तो होना तू भी वहीँ
चल मेरे साथ चल
वरना यहीं के यहीं
.
-चर्चित
http://swasasan.in
http://swasasan.com
शुमार अर्श पे किया जाऊँगा
चाहेगा तो होना तू भी वहीँ
चल मेरे साथ चल
वरना यहीं के यहीं
.
-चर्चित
http://swasasan.in
http://swasasan.com