SwaSaSan Welcomes You...
हिन्दुस्तानी हैं ? तो हिंदी से दूर क्यों ???
1.
“स्व सा सन” (स्वप्न/ स्वतंत्रता साकार
संकल्प /संघ)
(A
Path to Real Freedom Without Holding Weapons
n
Without Fighting over Streets)
https://www.facebook.com/pages/SwaSaSan/175151835899822
People need your help in finding their LOST Loving-Ones
हिन्दुस्तानी हैं ? तो हिंदी से दूर क्यों ???
जानकारी ना केवल बचाव है
बल्कि विकास भी
और जागृति की जनक भी !
जानकार बनिए
- 'सद्गुरु महाराज'
--------
सत्य-मेव जयते
'सद्गुरु महाराज' कहते हैं की
सत्य तो स्वयं-सिद्ध है !
सत्य ना केवल अपराजित है,
वरन सदैव सर्वत्र विद्यमान भी है !
बिडम्बना है कि
जनसामान्य इस स्वयंसिद्धा- सर्व-व्यापी
सत्य से पलायन को प्रतिपल प्रयासरत है !
इसी तरह का एक सत्य सामाजिक कुरीतियों के प्रति
पलायनवादिता जनित सार्वजनिक अकर्मण्यता है !
परिणामस्वरूप ऐसी कई कुत्सित घटनाएं कुपृथायें बन
एवं दिनोदिन नवपल्लवित हो हम सब पर आच्छादित होने को हैं !
हमारे देश का सामाजिक एवं राजनैतिक परिदृश्य भी
हमारी अकर्मण्यता के फलस्वरूप ही
अंधकार की ओर अग्रसर है !
सद्गुरु आगे कहते हैं कि
ऐसा भी नहीं है कि पूर्णरूपेण अकर्मण्यता का ही साम्राज्य हो ....
इसी समाज में कुछ चैतन्य प्रबुद्धजन
ना केवल जागृत हैं
वरन अपनी चेतन ज्योति से
जन-जागरण हेतु प्रयासरत भी !
किन्तु
अधिकांशतः ऐसे प्रयास अधीरता एवं सार्वजनिक उदासीनता के चलते
शीघ्र ही मंद और फिर निस्तेज होने विवश हैं !
यह आव्हान ऐसे ही
सुप्त, अर्ध्सुप्त चेतना के स्वामियों सहित
चेतन्य प्रबुद्धजनों से है कि
वे अपनी चेतन-ज्योत को मन्द होने से बचाने,
पुनः जागृत करने
एवं
अन्य चेतन पुंजों से सम्पर्करत हो
चेतन-ज्योति को ज्वाला का रूप देने
के उद्देश्य को दृष्टिगत रख 'स्वसासन' के जनजागरण अभियान की
अग्रणी पंक्ति में सम्मिलित होने संपर्क करें !
["स्वसासन'' तीन नागरी शब्दों के प्रथमाक्षरो से मिलाकर बनाया गया हिन्दी संक्षेपीकृत शब्द है,
और ये तीन शब्द हैं - 1. स्वप्न/स्वतंत्रता 2. साकार 3. संकल्प/ संघ, http://www.swasasan.in पर विस्तृत वर्णित है ]
'स्वसासन' विगत २५ वर्षों से सक्रिय है,
(स्वसासन की सक्रियता की सम्बद्धता 'अन्ना आन्दोलन' से भी है !)
आपके नगर में 'स्वसासन' के 'जनमंगल' अभियान हेतु आपको आमंत्रण है
"साप्ताहिक ऑनलाइन समागम"
से जुड़ने का
जो प्रत्येक रविवार को प्रातः 7 से 9:30 एवं रात 9:00 से 11:30 बजे (यथासंभव) प्रस्तावित है !
निवेदन प्रत्येक रविवार को निरंतरता बनाये रखने का भी है !
हमारे क्रिया कलापों में सम्मिलित हैं -
1. व्यक्तित्व निर्माण (स्व साक्षात्कार कर अपनी निजता निर्धारण का मार्ग )
2 . व्यक्तित्व विकास (स्व साक्षात्कार से शोधित स्वयम का सहजता से सफल विकास )
3. स्वस्थ सामाजिक विकास(स्वस्थ राष्ट्रीय विकास) (स्वविकसित स्वयं के माध्यम से स्वस्थ संदेशों का संचार कर स्वस्थ-समाज/देश के स्वप्न को साकार करने की दिशा में प्रयाण)
अन्य कलापों में निःशक्त जनों की शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आवश्यकताओं एवं अन्य आपदाओं में
सहयोगी बनने के सहज मार्गों की जानकारी एवं
उत्कृष्ट प्रदर्शन कर आदर्श स्थापित करने वाले
विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं अन्य प्रबुद्ध जनों का सम्मान तथा निकृष्ट प्रदर्षन की हरसंभव रोकथाम के मार्ग प्रशस्तीकरण सम्मिलित हैं !
सभी प्रबुद्धजनों से सविनय अनुरोध एवं अपेक्षा है कि वे शीघ्रातिशीघ्र
'स्वसासन'में तन-मन-धन से (या तन-मन अथवा धन से ) सम्मिलित होकर
अपनी प्रबुद्धता का परिचय दें एवं इस पावन कार्य में सहभागी बनें !!!
आपकी तत्परता ही आपकी जागरूकता की परिचायक है !!!!!
नोट-
सद्गुरु महाराज की अनुमति अभी केवल ऑनलाइन संपर्क तक ही है
अतः व्यक्तिगत संपर्क की आशा ना रखें
संपर्क हेतु दी गई लिंक को क्लिक करें
अथवा कॉपी कर अन्य टैब पर पेस्ट कर खोलें-
संपर्क सूत्र (लिंक्स )-
सद्गुरु महाराज की अनुमति अभी केवल ऑनलाइन संपर्क तक ही है
अतः व्यक्तिगत संपर्क की आशा ना रखें
संपर्क हेतु दी गई लिंक को क्लिक करें
अथवा कॉपी कर अन्य टैब पर पेस्ट कर खोलें-
संपर्क सूत्र (लिंक्स )-