स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
वो जबसे जुदा हुआ
रब सा हो गया है!
दीद उसकी नामुमकिन
पर होने की आस तो है!
साथ उसका होना नामुमकिन...
फिर भी अहसास तो है!
निगाह-ए-करम बहुत मुश्किल
अनबुझी मगर मेरी प्यास तो है!
मेरा वजूद है इस ख्याल से कि
वो कहीं आसपास तो है!
#Sathyarchan
दीद उसकी नामुमकिन
पर होने की आस तो है!
साथ उसका होना नामुमकिन...
फिर भी अहसास तो है!
निगाह-ए-करम बहुत मुश्किल
अनबुझी मगर मेरी प्यास तो है!
मेरा वजूद है इस ख्याल से कि
वो कहीं आसपास तो है!
#Sathyarchan
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
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