"SwaSaSan" "स्व सा सं" (स्वत्व साकार संकल्प / स्वप्न साकार संकल्प / स्वतंत्रता साकार संघ / स्वप्न साकार संघ) स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हर एक सेनानी ने स्वतंत्र भारत के जिस दिवा स्वप्न के लिये अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया... उसी स्वप्न के साकार का संकल्प है! आइये देखते हैं ...कितने सक्षम हैं हम...??? https://swasasan.blogger.in; https://swasaasan.blogspot.com
बुधवार, 18 दिसंबर 2019
मनयोग भगाये रोग- अनिद्रा से शतप्रतिशत सटीक व सहज मुक्ति!-3/6
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019
#वैश्विक_राजनैतिक_पतन! #ज़िन्दगीLIVE जीना है तो आईये...
#वैश्विक_राजनैतिक_पतन! #ज़िन्दगीLIVE जीना है तो आईये...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
गुरुवार, 5 दिसंबर 2019
आईये सतपरिवार में...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...https://swasaasan.blogspot.com/2019/12/blog-post.html
सोमवार, 2 दिसंबर 2019
आइए ईश्वर का साक्षात्कार करें..! भाग - 2
https://swasaasan.blogspot.com/2019/12/2.html
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
मंगलवार, 25 जुलाई 2017
हमारी तरह घर पर ही बनायें जैविक खाद... जगद्गुरु - सत्यार्चन
हमारी तरह, घर पर ही, गमलों में, बनायें जैविक खाद...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् .... ..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् .... ..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
रविवार, 7 मई 2017
तंदुरुस्त तन्हाइयाँ
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
तंदुरुस्त तन्हाइयाँ
चलती सड़क पर
सूना सा मेरा घर
दिलवालों की दौड़
लगी रहती दिन भर ---
तनहाई बहुत यहाँ
तनदुरुस्त है मगर ---
काश कोई दस्तक हो
कोई आवाज लगाये ---
पानी माँगने आये
या पता ही पूछ जाये
कोई प्यस ना बुझाये
रखे ---
आस ही जगाये!!!
-
#सत्यार्चन
सूना सा मेरा घर
दिलवालों की दौड़
लगी रहती दिन भर ---
तनहाई बहुत यहाँ
तनदुरुस्त है मगर ---
काश कोई दस्तक हो
कोई आवाज लगाये ---
पानी माँगने आये
या पता ही पूछ जाये
कोई प्यस ना बुझाये
रखे ---
आस ही जगाये!!!
-
#सत्यार्चन
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
गुरुवार, 6 अप्रैल 2017
सुपरिवर्तन के पक्षधर सत्यार्चन - 1
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
शनिवार, 27 अगस्त 2016
जगद्गुरु - सत्यार्चन
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् .... ..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
शनिवार, 11 जून 2016
इन मकानों का अहसास है प्रकृति के दुलार जैसा, आप भी जानें कैसे - Green Building Concept To save environment
इन मकानों का अहसास है प्रकृति के दुलार जैसा, आप भी जानें कैसे - Green Building Concept To save environment
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् .... ..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् .... ..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
बुधवार, 16 मार्च 2016
जाने जज्बात क्या उकेरे होंगे....
स्वागत् है आपका SwaSaSan पर एवम् ....
खत तेरा था, या थी दास्ताँ, दिलों की दुश्वारियों की....
लिखा कुछ भी हो तूने पढ़ने को हर्फ मिले नहीं....
स्याही से गहरे मायने धुले निशाओं में मिले....
दिल की गहराई से जाने जज्बात क्या उकेरे होंगे....
दिल की गहराई से फिर बरसात वो बरसी होगी ....
हर हर्फ मिटाकर जिसने दास्तांनें कही मुझसे....
हर्फों को धोने वाली बरसात बड़ी नादाँ निकली ....
दास्तां दिलों की, दिल ने, दिल से पढ़ ली, सुन ली.....
जब भी इरादा हो अब कागज ना कलम लेना ...
हर आह हर सिसकी सुनाई देती है मुझे....
परेशां हो तुम तो हाल यहां भी ठीक नहीं....
ये दीगर है कि मेरी आह तुम तक जाती नहीं....
आरजू है कि हवायें तेरी तरफ बहें ...
मेरे दर्द भरे गीतों की कसक तुम तक तो पहुँचे....
जान सको तुम कि कोई चैन का पल जिया ना गया ....
दूर होकर जिन्दा तो हैं पर पल भर जिया ना गया....
हमको कब कहाँ कोई शिकवा रहा कभी तुमसे ....
मजबूर जीने वाले, मजबूरियों की समझ रखते हैं....
#सत्यार्चन
..... अपेक्षित हैं समालोचना / आलोचना के चन्द शब्द...
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