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किन्तु ना जीत पाओगे कभी
मानवता से
भाईचारे से
देर सबेर
तुम्हारा भी हश्र
होना है वही
जो इतिहास में हर आतंक का
होता आया है
अंतिम चीख
अंतिम लाश
तुम्हारी ही रहेगी
भ्रम में मत रहो
हमारे होंसलों से टकराओगे
तो मिट्टी में मिल
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ऐ आतंकवाद...
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