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आई है फिर दीपमालिका
आओ हम दीप जलायें !
अधम पर दिव्य के विजयोत्सव पर
सब मिल दीप जलायें !
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किसी क्षुधित व्याकुल निर्धन के
भोजन का कुछ प्रबंध करें
फिर छप्पन व्यंजन भोग से पहले
आओ हम दीप जलायें !
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किसी दरिद्र दुखी अधनंगे के
तन ढंकने का यत्न करें
फिर नूतन धवल परिधान पहन
आओ हम दीप जलायें !
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संतप्त स्वजन परिजन पीड़ा से
परजन को भी ध्यान धरें
फिर कर्णभेदी आतिश के संग
आओ हम दीप जलायें !
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.....एवम् अपेक्षित हैं समालोचना/आलोचना के चन्द शब्द!
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